Meditation for Students for Concentration: Enhancing Concentration and focus| ध्यान की सहायता से छात्र अपनी एकग्रता कैसे बढ़ाये!

Table of Contents

परिचय – Introduction

छात्रों के लिए एकग्रता और फोकस का महत्व – Importance of Concentration and Focus for Students

छात्रों के लिए अपनी स्टडी के ऊपर ध्यान केन्द्रित करना हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। इस लिए आज हम मैडिटेशन फॉर स्टूडेंट्स फॉर कंसंट्रेशन (Meditation for Students for Concentration) के ऊपर चर्चा करेगें। आप ऐतिहासिक रूप से इस विषय पर नजर डालें, तो वर्तमान समय मैं, छात्रों के लिए अपनी स्टडी के ऊपर ध्यान केन्द्रित करना सबसे मुश्किल और चुनौतीपूर्ण कार्य है। जितना हम तकनीकी रूप से विकसित हो रहे हैं, उतने ही छात्रों का ध्यान भटकाने वाले आधुनिक साधन भी विकसित हो रहे हैं। इतिहास में छात्रों के लिए इतना चुनौतीपूर्ण वक्त पहले कभी नहीं आया था।

ध्यान कैसी एकाग्रता और फोकस को बेहतर बना सकता है – How Meditation can improve concentration and focus

लेकिन सौभाग्य से, ध्यान अर्थात मेडिटेशन एक ऐसा माध्यम/उपकरण है, जिसकी सहायता से छात्र नई और आधुनिक चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सकते है। ध्यान छात्रों को उनका शैक्षणिक प्रदर्शन (अकैडमिक परफॉर्मेंस) को बढ़ाने या बेहतर बनाने में सहायता कर सकता है।

इस लेख के माध्यम से हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि, ध्यान (मेडिटेशन) से छात्रों को कौन-कौन से लाभ होते हैं। ध्यान लगाने की सबसे अच्छी तकनीक कौन सी है। आधुनिक व्यस्त जीवन शैली में छात्र से कैसे अपने जीवन में इसे अपना सकते है।

एकाग्रता और फोकस का विज्ञान – The Science of Concentration and focus

किसी भी छात्र के लिए छात्र जीवन में सफलता जिसे हम अकादमिक (academic) सफलता कहते हैं, वह इस बात पर निर्भर करती है कि छात्र अपनी पढ़ाई के ऊपर कितना कंसन्ट्रेट और फोकस (Concentrate & Focus) कर पाता है।

अभी तक किये गए अध्यनों से पता चला है कि, जो छात्र अपनी पढ़ाई अर्थात स्टडी के ऊपर ज्यादा अच्छे तरीके से कंसन्ट्रेट और फोकस (Concentrate & Focus) कर पाते हैं । वह परीक्षा में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते हैं । वह छात्र ज्यादा अच्छे अंक व ग्रेड प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं । ऐसे छात्र जीवन में ज्यादा सफलता प्राप्त कर करते है।

लेकिन आज के दौर में जब टेक्नोलॉजी का प्रसार बहुत तेजी से हो रहा है। इंटरनेट का निरंतर उपयोग बढ़ता जा रहा है। ऐसे में छात्रों के लिए अपनी स्टडी के ऊपर ध्यान केन्द्रित करना बहुत ही मुश्किल और चुनौतीपूर्ण कार्य होता जा रहा है।

एकाग्रता और फोकस के पीछे न्यूरोलॉजिकल एंड cognitive प्रोसेस  – The neurological and cognitive processes behind concentration and focus

न्यूरो साइंस (Neuroscience) कहती हैं, जब हम अपना ध्यान केंद्रित करते हैं, तब हमारी मस्तिष्क की तरंगे सिंक्रोनाइजड (synchronized) होती है। तब हमारा प्रेफ्रोंटल कोर्टेक्स (prefrontal cortex – PFC) सक्रिय होता है। इसके सक्रिय होने से हमें, योजना बनाने मैं, बेहतर निर्णय लेने में, और एक जगह अपना ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है।

ध्यान क्या है? What is Meditation?

ध्यान की परिभाषा  – Definition of Meditation

ध्यान एक ऐसी प्रैक्टिस है, एक ऐसा अभ्यास है, एक ऐसी विद्या है, जिसका उपयोग मनुष्य हजारों वर्षों से अपने ध्यान को एक जगह केंद्रित करने के लिए, अपनी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए, मुश्किल और विकट परिस्थितियों में अपनी भावनाओं और मस्तिष्क को शांत बनाए रखने के लिए करता रहा है।

ध्यानके प्रकार – Types of Meditation

ध्यान के माध्यम से हम अपने मस्तिष्क/दिमाग को वर्तमान में रहने के लिए प्रशिक्षित करते हैं, ट्रेनिंग देते है। इसकी सहायता से हम अपने ध्यान को एक वस्तु या स्थान पर केन्द्रित करने की कोशिश करते है। ध्यान के विभिन्न प्रकार हैं, जैसे कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन (Mindfulness Meditation), विजुअलाइजेशन मैडिटेशन (Visualization Meditation) और बॉडीस्कैन ध्यान (Body Scan meditation) आदि।

ध्यान एकाग्रता ओर फोकस में सुधार करने में कैसे मदद करता है? How Meditation Helps Improve Concentration and Focus?

नियमित रूप से ध्यान करने से इसका मनुष्य मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है जो छात्रों को उनकी एकाग्रता और फोकस बढ़ाने में सहायता करता है। नियमित रूप से ध्यान करने से मस्तिष्क का वह हिस्सा जिसे हम प्रेफ्रोंटल कोर्टेक्स (Prefrontal Cortex PFC) कहते हैं वह ज़्यादा सक्रिय होता है। जो आपको योजना बनाने मैं, बेहतर निर्णय लेने में, और एक जगह अपना ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है।

अभी तक की गई रिसर्चों से पता चला है कि जो नियमित रूप् से ध्यान लगाता है, उसकी मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में परिवर्तन आते हैं और जो है बेहतर तरीके से कार्य करती है। इस के साथ रिसर्च में ये भी पाया गया है की ध्यान मनुष्य के प्रेफ्रोंटल कोर्टेक्स (Prefrontal Cortex PFC) में ग्रे मैटर डेंसिटी (Grey Matter Density) को भी बढ़ाता है, जो फोकस और कंसंट्रेशन (Focus & Concentration) बढ़ाने में सहायक होता है।

ध्यान मनुष्य के मस्तिष्क के डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क (Default mode network) मैं गतिविधि (Activity) को कम (Reduce) करता है। जिसकी सहायता से आम तौर पर वह विद्यार्थी दिन में सपने लेने की समस्या से पीडित हैं, जिसे हम अंग्रेजी में डे ड्रीमिंग (Daydreaming) कहते हैं, से विद्यार्थियों को राहत मिलती है। ध्यान विद्यार्थियों का फोकस और कंसंट्रेशन (Focus & Concentration) भी बढ़ाता है।

इसके साथ ध्यान मनुष्य के मस्तिष्क के कोगनिटिव फंक्शन (Cognitive Function) को भी बेहतर करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सांता बारबरा के द्वारा की गयी रिसर्चों से पता चला है जो विद्यार्थी नियमित रूप से ध्यान करते हैं वे उन कार्यों को ज़्यादा बेहतर तरीके से कर पाते हैं जिसमे ज़्यादा लंबे समय तक सस्टेंड अटेंशन (Sustained Attention) की जरूरत होती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कोन्सिन मैडिसिन (University of Wisconsin-Madison) के द्वारा किए गए शोधों से पता चला है जो लोग नियमित रूप से ध्यान करते हैं उनकी प्रेफ्रोंटल कोर्टेक्स (Prefrontal Cortex PFC) बेहतर रूप से काम करती है ओर डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क (Default mode network) की गतिविधि में कमी आती है। मनुष्य के मस्तिष्क में होने वाले यह परिवर्तन उसे उन कार्यों को करने में सहायता करते हैं जिसमे सस्टेंड अटेंशन (Sustained Attention) की जरूरत होती है।

छात्रों के ध्यान की तकनीकें – Meditation Techniques for Students

ध्यान ध्यान एक बहुत ही शक्तिशाली माध्यम है जिसके द्वारा छात्र अपनी एकाग्रता और ध्यान को एक जगह केन्द्रित कर सकती है। ध्यान लगाने की विभिन्न प्रकार की तकनीके हैं। जिसकी छात्र अपने सुविधा के अनुसार प्रैक्टिस कर सकती है। हर तकनीक के अपने अनूठे लाभ है। इस लेख के माध्यम से हम छात्रों के लिए कुछ सबसे ज्यादा प्रभावी तकनीकों के बारे में बात करेंगे। अपने व्यस्त जीवन में कैसे छात्र इन तकनीकों को अपने जीवन में शामिल कर सकती है।

1 माइंडफुलनेस मैडिटेशन – Mindfulness Meditation

यह एक बहुत ही लोकप्रिय तकनीक है। इस ध्यान विधि मैं हम अपना ध्यान वर्तमान क्षण की तरफ लगाते हैं। इस ध्यान विधि का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले हम किसी शांत जगह या वातावरण को ढूंढ़ते हैं। फिर वहाँ आराम से बैठकर अपनी आँखों को बंद करके अपना सारा ध्यान अपनी सांसो पर केंद्रित करते हैं। इस विधि में जब हम अपना ध्यान अपनी सांसों पर केन्द्रित करते हैं तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हम अपनी सांसों को नियंत्रित करने की कोशिश न करें। जैसे हम सांस लेते हैं वैसे ही लेते रहें। जब आप इस ध्यान विधि का अभ्यास शुरू करेंगे तब आप पाएंगे की आपका मन बहुत भटक रहा है और आपको तरह तरह के विचार आ रहे हैं। लेकिन आप वापिस अपने ध्यान को अपनी सांसों की तरफ केन्द्रित करने की कोशिश करेगें। पहली बार जब आप इस ध्यान विधि का अभ्यास करेंगे तो शुरुआत 5 से 10 मिनट तक के अभ्यास से शुरू करने की कोशिश करें। फिर धीरे धीरे आप अपनी सुविधा के अनुसार समय बढ़ा सकते है।

2 विजुअलाइजेशन मैडिटेशन – Visualization Meditation

इस ध्यान विधि में हमें आँखें बंद करके किसी तस्वीर, परिदृश्य यह किसी और चीज़ पर अपना ध्यान केन्द्रित करना है। इसके लिए आप सबसे पहले किसी शांत जगह या किसी शांत वातावरण में पहले आप बैठ जाए या फिर आप लेट भी सकते है। इसके बाद आप अपनी आंखो को बंद करेंगे फिर किसी चित्र अर्थात तस्वीर को देखने की कोशिश करेंगे। आप किसी परिदृश्य की कल्पना भी कर सकते हैं या फिर अपनी सुविधा के अनुसार आप में किसी और चीज़ की भी परिकल्पना भी कर सकते हैं।

इसमें आप एक और चीज़ कर सकते हैं एक गुलाब का फूल लेकर उसे अपने सामने रखें, फिर उसे ध्यान से देखें और फिर आंखें बंद करके उसे महसूस करने की कोशिश करें। उसकी खुशबू को महसूस करें। उसकी कोमलता को महसूस करें। यह सब आपने बंद आँखों के साथ करना है। इस अवधि दौरान आप अपनी सांसें सामान्य गति से लेते रहें ओर इसे तेज या धीमा करने की कोशिश न करें। इस ध्यान विधि का अभ्यास करेंगे तो शुरुआत 5 से 10 मिनट तक के अभ्यास से शुरू करने की कोशिश करें। फिर धीरे धीरे आप अपनी सुविधा के अनुसार समय बढ़ा सकते है।

3 बॉडी स्कैन मेडिटेशन – Body Scan meditation

इस ध्यान विधि में हम अपना सारा ध्यान अपनी बॉडी के प्रत्येक अंग के ऊपर लगाने की कोशिश करते हैं। सबसे पहले आप किसी शांत जगह यह वातावरण मैं लेट जाए। अपने शरीर को बिलकुल ढीला छोड़ दें। अपनी आंखो को बंद करें। अपनी सांसों की गति को सामान्य रखना है। अब आपने अपनी पैरों की उंगलियों की तरफ अपना ध्यान केन्द्रित करना है। पैरों की उंगलियों को महसूस करने की कोशिश करनी है। वहाँ पर होने वाली संवेदना को महसूस करना है। इसके बाद धीरे धीरे पैरों की उंगलियों से आगे बढ़ते हुए अपने पैरों, अपनी कमर, अपने सीने और अपने मस्तिष्क की तरफ बढ़ना है।  

शरीर के जिंस भाग पर आप अपना ध्यान केंद्रित करेंगे उस भाग में होने वाली संवेदना को महसूस करना है।  इस अवधि दौरान आप अपनी सांसें सामान्य गति से लेते रहें ओर इसे तेज या धीमा करने की कोशिश न करें। इस ध्यान विधि का अभ्यास करेंगे तो शुरुआत 5 से 10 मिनट तक के अभ्यास से शुरू करने की कोशिश करें। फिर धीरे धीरे आप अपनी सुविधा के अनुसार समय बढ़ा सकते है।

4  मेडिटेशन टेक्नीक्स के लिए दिशानिर्देश ओर चरण – Instructions and steps for meditation techniques

  1. जब आप मेडिटेशन की शुरुआत करें तो सबसे पहले सिर्फ 5 से लेकर 10 मिनट तक के ही इस सेशंस करें फिर धीरे-धीरे समय को बढ़ाएँ। जैसे-जैसे आप समय बढ़ाते जाएंगे वैसे-वैसे आप सहज होते जाएंगे।
  2. ध्यान करने का स्थान शांत होना चाहिए। अगर आप ध्यान घर में कर रहे हैं तो कोशिश करें घर की किसी एकांत स्थान पर । वहाँ पर लोगो का या फिर परिवार के सदस्यों का आवागमन कम हो।
  3. ध्यान करने के लिए हो सके तो अपनी  दिनचर्या में सी किसी निश्चित समय का निर्धारण करें।
  4. अपनी प्रगति के ऊपर नजर बनाए रखने के लिए आप कैलेंडर के ऊपर निशान लगा सकते हैं या फिर किसी ऐप्, विडीओ यह गैजेट का सहारा भी ले सकते हैं।
  5. ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए आप अपनी कक्षा से पहले या फिर स्टडी करने से पहले नियमित रूप से करें।

छात्रों के लिए ध्यान करने का सबसे अच्छा समय ओर स्थान – Best Time and Place to Meditate for Students

जो छात्र मेडिटेशन से अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं उनके लिए मैं रिटेंशन के लिए सही समय और शांत ओर एकांत वातावरण ढूंढना अत्यंत जरूरी हो जाता है। लेकिन ये जरूरी नहीं है की हमारे पास शांत ओर एकांत वातावरण मौजूद हो। यहाँ पर हम ध्यान के लिए अनुकूल वातावरण भुनाने की बनाने ओके कुछ उपायों के बारे में चर्चा करेंगे।

ध्यान का सबसे अच्छा समय – Best time to meditate

हर छात्र के लिए मेडिटेशन का अच्छा समय उसकी दिनचर्या और सहूलत के अनुसार विभिन्न होता है। कुछ  विशेषज्ञ मानते है की मेडिटेशन के लिये सबसे अच्छा समय सुबह का होता है। उस समय वह तरोताज़ा होता है। मन का भटकाव कम होता है। जिसकी वजह से वह मेडिटेशन के दौरान अपना ध्यान आसानी से केन्द्रित कर सकता है। इस के साथ सुबह की मेडिटेशन छात्र के शरीर में पूरे दिन के लिए एक सकारात्मक ऊर्जा का ऊर्जा का प्रावाह कर देती है। जिसकी सहायता से छात्र अपनी पढ़ाई और दिनचर्या के बाकी कामों को कुशलता से अंजाम दे सकती है।

लेकिन अगर छात्र चाहे तो वो मेडिटेशन दिन की किसी भी समय कर सकते हैं। चाहे अपनी कक्षा से पहले, कक्षा में ब्रेक के दौरान या फिर शाम को भी कर सकते है। छात्र अगर चाहें तो इसे रात में सोने से पहले भी कर सकते हैं।

अगर मैं अपनी व्यक्तिगत बात करूँ तो मुझे मेडिटेशन के लिए संध्या का वक्त ज़्यादा अच्छा लगता है, क्योंकि इस वक्त मैं अपने सभी दिनचर्या के कारण निपटाकर वापस घर आ चुका होता हूँ और कही जानें कि जल्द ही नहीं होती है।

ध्यान के लिए सबसे अच्छा स्थान – Best place to meditate

छात्रों के लिए ध्यान करने के लिए सबसे अच्छा स्थान वह जहाँ पर शांति ओर एकांत का वातावरण हो। यह स्थान थोड़ा आरामदायक भी होना चाहिए। किसी प्रकार के भटकाव से मुक्त होना चाहिए। यह ध्यान के लिए कोई स्पेशल कमरा भी हो सकता है या फिर कमरे का कोई कोना भी हो सकता है। या फिर कोई और शांतिपूर्ण स्थान हो सकता है जहाँ छात्र आराम ओर ध्यान के लिए अनुकूल महसूस करता हो।

ध्यानके लिएपरिस्थितियों को अनुकूल बनाने के टिप्स – Tips for creating conducive environment for meditation

  1. किसी शांत जगह को चुनें जहाँ पर बाहरी शोरशराबा ना हो या फिर बहुत कम हो। इस के साथ कोई बाहरी व्यक्ति आकर डिस्टर्ब ना कर सके।
  2. आप बैठने के लिए किसी आरामदायक मैट, कंबल, कुशन या फिर बेंच का इस्तेमाल करें।
  3. ध्यान के स्थान पर मूड बनाने के लिए किसी सुगंध, खुशबू या हल्के परफ्यूम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ कोई हल्का सा संगीत भी चला सकते हैं।
  4. ध्यान की लाभ प्राप्त करने के लिए इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं तथा नियमित रूप से अभ्यास करें।

छात्रों के लिए ध्यान में चुनौतियों पर काबू पाना – Overcoming Challenges in Meditation for Students

लेकिन ये भी सत्य हैं जब कोई भी छात्र पहली बार ध्यान लगाने की कोशिश करेगा तो उसे बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

सबसे पहले उसे, एक पोज़ीशन मैं बैठने से पीठ ओर पांव में दर्द महसूस हो सकता है। उसके बाद छात्र को मन भटकने की दिक्कत से भी रूबरू होना पड़ेगा। छात्र को अजीब सी बेचैनी भी महसूस हो सकती है। इस दौरान चाहे कोई छात्र हैं या कोई व्यक्ति हो, जो है ध्यान लगाने की कोशिश करेगा, तो उसे अपने सारे ज़रूरी कार्य याद आने शुरू हो जाएंगे, और उस छात्र और व्यक्ति को समय की कमी महसूस होगी।

इन सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए हम ध्यान को छोटे-छोटे सत्रों में शुरू कर सकते हैं। धीरे धीरे ध्यान की अवधि को बढ़ा सकते है। आज के डिजिटल युग में हम किसी एप का सहारा भी ले सकते हैं।

कुछ छात्रों के लिए ध्यान एक बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, खास कर शुरुआती दौर में। ध्यान को वर्तमान क्षण मैं केन्द्रित करना और इस के साथ आप मन को शांत करना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अब हम कुछ सामान्य चुनौतियों पर चर्चा करेंगे जिनका सामना किसी भी विद्यार्थी यह व्यक्ति को ध्यान के अभ्यास के शुरुआती दौर में पढ़ सकता है।

  1. बेचैनी – अगर हम बेचैनी की बात करें तो ध्यान के शुरुआती दौर में यह एक बहुत आम बात है। मन का चंचल होना, सांस पर ध्यान केन्द्रित करना, शुरुआत में मुश्किल हो सकती है। टिप- इसके लिए आग किसी आरामदायक स्थान को की तलाश करे या फिर किसी कंबल या कुशन की भी सहायता ले सकते हैं।
  2. मन भटकना – ध्यान के दौरान मन भटकना बहुत आम बात है। इस दौरान आप आपका ध्यान भविष्य में होने वाली बातो की तरफ चला जाएगा या फिर आप अतीत में खो जाएंगे। टिप – ध्यान का दौरान ध्यान के दौरान अगर आपका मन भविष्य या अतीत की बातों पर जाता है तो इसकी चिंता न करें और फिर से अपने ध्यान को अपने सांसों पर केन्द्रित करें।
  3. समय की कमी – अक्सर देखा जाता है की, छात्र अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण ध्यान के लिए समय नहीं निकल पाते हैं। और जब अपनी व्यस्त दिनचर्या मैं से मुश्किल से समय निकालते है तो उन्हें अपने सारे ज़रूरी कार्य याद आते है। और वह मेडिटेशन छोड़ अपने कार्य में लग जाते है। टिप – इस स्थिति से निपटने के लिए ध्यान को अपनी प्राथमिकता में शामिल करें। दिन के किसी भी एक समय को फिक्स करें। रोजाना अपने सभी जरूरी कार्य याद करने के लिए इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करें।
  4. आत्मआलोचना से बचें – आमतौर पर होता है कि, जब छात्र ध्यान लगाने में सफल नहीं होते तो वह हतोत्साहित हो जाते हैं ओर अपनी आत्मालोचना करनें लगते हैं। टिप –   ध्यान लगाने के लिए इसका अभ्यास बहुत जरूरी है। यह कोई प्रदर्शन नहीं है जो आप दूसरों के सामने दूसरों को खुश करने के लिए कर रहे हैं। यह आप अपने लिए कर रहे हैं, इसलिए अपनी छोटी-छोटी सफलता का जश्न मनाएं ओर अपनी धीमी प्रगति पर खुश रहे।

एक छात्र की जीवनशैली में ध्यान को शामिल करना – Incorporating Meditation into a Student’s Lifestyle

एक छात्र के लिए ध्यान को अपनी जीवनशैली में शामिल करना बहुत कठिन कार्य है। एक छात्र को नियमित रूप से स्कूल जाना होता है, स्कूल से प्राप्त होम वर्क करना होता है इस के साथ कुछ छात्र प्राइवेट ट्यूशन्स या कोचिंग सेंटर भी जाते है। इस के साथ विद्यार्थियों को एक्स्ट्रा कुरिकुलर ऐक्टिविटीज़ में भी भाग लेना पड़ता है।  

छात्रों को इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए अपने जीवन शैली में नियमित रूप से ध्यान करना एक कठिन कार्य है। लेकिन यदि छात्र योजना और प्रतिबद्धता के साथ ध्यान को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें तो ये संभव हो सकता है। निम्नलिखित सर बातों को अपनाकर आप ध्यान को अपनी दिनचर्या में ध्यान को शामिल कर सकते है।

  1. स्टडी ब्रेक के दौरान ध्यान करें – छात्र अपनी स्टडी मैं ब्रेक के दौरान ध्यान कर सकती है। इससे स्टडी मैं बेहतर एकाग्रता होंगी। ध्यान के दौरान छात्रों को सिर्फ अपनी सांसो के आवागमन पर ध्यान देना है। इसके लिए वह किसी एप का भी सहारा ले सकती है।
  2. ध्यान के लिए विशेष स्थान का चयन – अगर छात्र ध्यान के लिए किसी विशेष स्थान का चयन करते है तो इससे छात्र को मानसिक रूप से बी भी आराम मिलेगा, अपनापन का एहसास होगा ओर वह ज़्यादा सुरक्षित महसूस करेगा। छात्र इसके लिए अपने कमरे के किसी कोने या फिर अपने स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी मैं कोई शांत जगह भी चुन सकते हैं।
  3. कक्षा में ध्यान करें – जो अध्यापक ध्यान के महत्त्व को समझता है, छात्र उस अध्यापक के साथ बात करके कक्षा की शुरुआत में या फिर कक्षा के अंत में ध्यान लगाने का सुझाव दे सकता है।
  4. मेडिटेशन के ग्रुप में शामिल हों – छात्र अपने आस पास चलनेवाले मेडिटेशन ग्रुप का भी हिंसा हिस्सा वन बन सकते हैं। यह मेडिटेशन ग्रुप उसके घर के पास या फिर कैम्पस मैं भी हो सकते हैं। जिसकी सहायता से छात्र नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

ध्यान एक बहुत शक्तिशाली साधन है। जिसकी सहायता से छात्र अपनी एकाग्रता में सुधार कर सकते हैं, अपना तनाव कम कर सकते हैं और ध्यान छात्रों को अकादमिक सफलता प्राप्त करने में एक अचूक हथियार साबित हो सकता है।

विद्यार्थी ओर व्यसक भी ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करके ध्यान की विभिन्न तरीकों को अपनाकर अपने कोगनिटिव फंक्शन (Cognitive Function) को बड़ा सकते हैं, जो उनको ज़्यादा लंबे समय तक सस्टेंड अटेंशन (Sustained Attention) बनाए रखने में सहायक होगा। धीरे-धीरे छात्र अपनी ध्यान अवधि को बढ़ा सकते हैं। ध्यान की बढ़ी हुई अवधि उनके स्वास्थ्य के लिए शारीरिक ओर मानसिक रूप से लाभकारी होगा।

अगर छात्र पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ ध्यान का नियमित रूप से अभ्यास करें तो वह अपने छात्र जीवन ओर व्यक्तिगत जीवन असीमित लाभ प्राप्त कर सकते है।

यदि ये लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ इसको शेयर करना ना भूले|

आपका धन्यवाद|

Leave a Comment